विवरण :
घर के वातावरण को ख़ुशनुमा बनाने के लिए दीवारों पर कलाकारी का प्रचलन प्राचीन काल से मानव करता आ रहा है। अपनी काल्पनिक शक्ति (imaginary power) के प्रयोग से समय के साथ दीवारों को चित्रित करने तरीक़े में भी बदलाव आया है। आज घर के अंदर की दीवारों पर पेंटिंग लगाने के विकल्प के तौर पर कमरे के किसी एक दीवार को प्लास्टर करते वक़्त या रंग से पैंट करने के दौरान हीं विभिन्न प्रकार के कलात्मक बनावट से सुसज्जित कर दिया जाता है। इसके बाद टेक्सचर किए गए दीवार पर लाइट लैम्प, चित्र, वॉल-हैंगिंग आदि लगाने से कमरे की सुंदरता को बढ़ाने का काम किया जाता है। दीवारों पर टेक्सचर का प्रयोग करने से वर्षों तक कमरे की सुंदरता बनी रहती है। आमतौर पर 8 प्रकार के टेक्सचर के प्रयोग से दीवारों को कलात्मक रूप दिया जा सकता है। इस लेख में टेक्सचर के विभिन्न श्रेणियों से सम्बंधित जानकारी आपके साथ शेयर कर रहीं हूँ।
इस प्रकार के टेक्सचर का प्रयोग आज से 50 वर्ष पहले मकानोंके छत या दीवारों पर किए जाने का प्रचलन था। फ़र्क़ बस इतना है कि उस समय इस टेक्सचर को केवल सफ़ेद रंग में बनाया जाता था, किंतु अब पॉपकॉर्न टेक्सचर को विभिन्न रंगों में बनाया जा सकता है।
पॉपकॉर्न टेक्सचर को दीवारों पर बनाने के लिए हॉपरगन, एयर कम्प्रेसर उपकरण की सहायता से पॉपकॉर्न मिश्रण का प्रयोग किया जाता है। टेक्सचर को आकार देने के लिए दीवार पर मिश्रण सामग्री की एक मोटी पर्त का प्रयोग किए जाने के कारण दीवारों के सीलन को छुपाने में भी मद्द मिलती है।इसके अतिरिक्त कमरे की दीवारों पर इस टेक्सचर का प्रयोग करने से आवाज़ को कम करने एवं दीवारों की ख़ामियों को छुपाने में मद्द मिलती है।
अतः पॉपकॉर्न टेक्सचर का प्रयोग सीलन से बार -बार ख़राब होने वाली दीवारों पर करना एक अच्छा विकल्प है। इसके अतिरिक्त आवाज़ की प्रतिध्वनि के प्रभाव को कम करने के लिए टीवी अथवा म्यूज़िक सिस्टम का प्रयोग किए जाने वाले लिविंग रूम करना भी सही विकल्प साबित हो सकता है।
टेक्स्चर का प्रयोग कमरे के प्रमुख दीवार की जाती है, जिससे कमरे के सजावट में विशिष्टता आ जाती है। स्किप ट्रॉवेल टेक्स्चर का प्रयोग रसोईं की दीवार पर करने से दीवारों से प्राचीन देशी रसोईं में पकवान बनाने के एहसास का अनुभव किया जा सकता है। पूरी तरह से रसोईं में पकवान बनाने का आनंद उठाने के लिए स्किप टेक्स्चर से सजे दीवार पर किसी भी रंग का प्रयोग करे बिना भी छोड़ जा सकता है या फिर गेरुआ रंग से पैंट किया जा सकता है।
स्किप ट्रॉवेल तकनीक में ड्राईवॉल मिट्टी (drywall mud) की एक अतिरिक्त पतली पर्त को दीवार की सतह पर ट्रावेल उपकरण के उपयोग से फैलाया जाता है। इसके बाद दूसरे साफ ट्रॉवेल की मद्द से ड्राईवॉल मिट्टी की पर्त को उकेरते हुए अनियमित चित्रात्मक शैली में डिज़ाइन बनाया जाता है। चूँकि ट्रावेल टूल (travel tool) को ड्राईवॉल मिट्टी की पर्त पर अनियमित दिशा में स्किप करने के माध्यम से डिज़ाइन उकेरा जाता है, इसलिए वॉल टेक्सचर की इस शैली को स्किप ट्रॉवेल तकनीक के नाम से जाना जाता है। स्किप टेक्सचर को दीवारों पर बनाने के लिए रेत और ज्वाइंट कम्पाउंड पाउडर (joint compound powder) को पानी मिलाकर प्लास्टर सामग्री तैयार किया जाता है।
नॉकडाउन टेक्सचर में किसी भी तरह की कलात्मक शैली का उपयोग किया जा सकता है। इसके बाद दीवार की सतह पर एक ड्राईवॉल चाकू चलाकर इसे समतल करने के क्रम में अतिरिक्त ड्राईवॉल मिट्टी को नीचे गिरा दिया जाता है। टेक्सचर विशेषज्ञ की तरह दीवारों पर इस टेक्सचर का प्रयोग करने के लिए बाज़ार में विशेष नॉकडाउन टेक्सचर टूल का उपयोग किया जा सकता है। हालाँकि इस टेक्सचर के लिए डिज़ाइन का कोई विशेष मानक निर्धारित न होने के कारण किसी भी ड्राईवॉल चाकू के प्रयोग से दीवारों पर चित्र उकेरा जा सकता है।
नॉकडाउन टेक्सचर को दीवारों पर उकेरने के लिए दीवारों पर ड्राईवॉल जॉइंट कंपाउंड का छिड़काव (spraying compound), ट्रॉवेलिंग या रोलिंग करके लुक प्रदान किया जाता है। फिर उकेरे गए चित्र को समतल करने के लिए नॉकडाउन चाकू का प्रयोग किया जाता है। परिणामस्वरूप दीवारों पर धब्बेदार, प्रकृतिक बनावट वाले दृश्य का प्रभाव दीवारों पर देखा जा सकता है, जो कि प्राथमिक दीवारों के असमान संरचना की ख़ामियों को छुपाने में कारगर होती है।
नॉकडाउन टेक्सचर का काम पूरा होने के बाद दीवार को कम से कम पर दिन भर के लिए अच्छी तरह सूखने के लिए छोड़ने के बाद प्राइमर की कोटिंग की जाती है इसके बाद कमरे के उपयोग किए जाने के आधार पर पैंट के प्रकार और रंग का उपयोग किया जाता है।
कोम्ब वॉल टेक्सचर कलात्मक चित्रकारी में रुचि रखने वाले लोगों द्वारा अपने घर में ज़्यादातर प्रयोग किया जाता है। इसका कारण इस टेक्सचर को बनाना आसान होना है, जिससे चित्रकारी की समझ रखने वाले लोग अपने अनुसार टेक्सचर को बनवाने के लिए राय दे सकते हैं।
कोम्ब टेक्सचर का लोकप्रिय पैटर्न इंद्र्धनुष का आकार है, जो कि कंघी नुमा ट्रावेल उपकरण की सहायता से बनाया जाता है।इस टेक्सचर की बनावट को दीवार पर उकेरने के लिए छोटी दाँतों वाले ट्रावेल टूल का उपयोग करना ठीक रहता है।इस कंघी नुमा ट्रावेल के उपयोग से दीवार पर विभिन्न लंबाई की रेखाएं ड्राईवॉल पर विभिन्न कोणों पर दोहराते हुए उकेरी जाती है।
इसे बनाना बहुत आसान है, इस पैटर्न के टेक्सचर के लिए दीवार की सतह पर पहले प्राइमर की एक कोटिंग की जाती है, जिसके सूखने पर छोटे दांतों के एक सेट के साथ एक कांटा या ट्रॉवेल द्वारा दीवार पर बहु-कोण वाली रेखाएं बनाया जा सकता हैं, जो इंद्रधनुष की बनावट जैसा आकार दीवार पर चिन्हित करता है। इसके अतिरिक्त छोटे दाँतों वाले ट्रावेल टूल के उपयोग से एक समान गोलाकार पैटर्न भी ड्राईवॉल की सतह पर बनाया जाना पसंद किया जाता है, किंतु इस प्रकार के पैटर्न को बनाना थोड़ा मुश्किल होता है इसके लिए कुशल कारीगर की आवश्यकता होती है।
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इस टेक्सचर की बनवाट दीवार पर असली संतरे के छिलके जैसी सतह के समान उभरी हुयी दिखती है। इस टेक्सचर को आकार देने के लिए अधिक कार्यकुशलता की ज़रूरत होती है। इस टेक्सचर को बनाने से पूर्व दीवार पर प्राइमर की कोटिंग की जाती है। प्राइमर सूखने के बाद ड्राईवॉल सामग्री को दीवार की सतह पर स्प्रे करने के माध्यम से संतरे के छिलके जैसी उभार वाले पैटर्न का आकार दिया जाता है।
ड्राईवॉल सामग्री को दीवार पर स्प्रे करने के लिए हूपरगन और कम्प्रेसर उपकरण की आवश्यकता होती है। दीवारों और छत पर ऑरेंज पील टेक्सचर का आकार देने के लिए कम्प्रेसर के पावर का ध्यान रखना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त ड्राईवॉल काम्पाउंड मिश्रण (drywall compound mixing) की तरलता चीला (liquidity chip) बनाने वाले आते के घोल के समान पतली होनी चाहिए। मिश्रण की तरलता उपयुक्त होने पर दीवार पर उचित पैटर्न की एक समान आकार बनाने में मद्द मिलती है। ड्राईवॉल पैकिज पर लिखे निर्देश के अनुसार टेक्सचर को सूखने के लिए निर्धारित समय तक छोड़ने के बाद ही पेंटिंग का कार्य शुरू करना चाहिए।
ऑरेंज पील टेक्स्चर का प्रयोग डाइनिंग रूम या रसोईं की प्रमुख दीवार की शोभा बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
सैंड स्विर्ल टेक्सचर का भी उपयोग दीवार पर बहुत पसंद किया जाता है। इस टेक्सचर को पेंट विशेषज्ञ से बनवाना बेहतर रहता है, क्योंकि इस चित्रकला शैली को दीवारों पर आकार देने के लिए दो व्यक्तियों की आवश्यकता पड़ती है। एक व्यक्ति रेत के साथ मिश्रित झरझरा प्राइमर (porous primer) दीवारों पर लगाता है, जबकि दूसरा आर्किंग डिज़ाइन बनाते हुए आगे की प्रक्रिया जारी रखता है। डिजाइन दीवार पर हाथ या उँगलियों के घुमाव से गोलाकार, लहरदार झुल्फो के आकार के सेट के रूप में निर्मित की जाती है। इस चित्रकारी को दीवारों पर लगे प्राइमर की कोटिंग के गीला रहते हीं टेक्सचर बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाती है। हालाँकि यदि आप चित्रकारी कला में माहिर हो, तो स्वयं भी कंघी/ब्रश/हाथों के प्रयोग से फ़्री हैंड पैटर्न या ज्यामितीय रेखाएं बना सकते हैं।
इस टेक्सचर को बनाने में रेत की ज़्यादा मात्रा का उपयोग होने के कारण इसे अच्छी तरह सूखने के बाद ही पैंट करना चाहिए, वरना रेत के कण पेंटिंग ब्रश के साथ बिखरने लगेंगे। सैंड स्विर्ल टेक्सचर घर के बैठक, बच्चों के बेडरूम की दीवारों को चित्रित करने के लिए उपयुक्त रहता है।
स्लैप ब्रश टेक्सचर में दीवारों सतह पर पतली अनियमित रेखाओं से मनचाहे आकार की चित्र बनाई जाती हैं। इस प्रकार के टेक्सचर को बिना स्प्रेगन उपकरण के भी बनाया जा सकता है। इस तकनीक के लिए केवल एक रोलर, एक डबल क्रो फुट ड्राईवॉल टेक्सचर ब्रश और ड्राईवॉल कंपाउंड की आवश्यकता होती है।
स्लैप ब्रश टेकनिक से दीवारों पर आकृति बनाने के लिए पहले दीवार को पाँच चौड़े भागों में विभाजित कर लें।इसके बाद ड्राईवॉल काम्पाउंड को पानी में घोल कर गाढ़ा मिश्रण तैयार करें। फिर रोलर टूल की सहायता से मिश्रण को दीवार की विभाजित भाग पर फैला दें। इसके बाद डबल क्रो फुट ड्राईवॉल टेक्सचर ब्रश की सहायता से अपने मनपसंद आकार को दीवार पर चित्रित करें।
आमतौर पर स्लैप ब्रश टेक्सचर के अनर्गत रोजबड/rosebud पैटर्न, क्रोज़ फ़ीट/ कौए के पैर का पैटर्न, स्टाम्प ब्रश पैटर्न जैसी डिज़ाइन को दीवार पर उकेरा जाता है। इन सभी पैटर्न को बनाने के लिए पैटर्न के नाम के अनुरूप ब्रश का उपयोग किया जाता है, जिसके आधार पर नाम का वर्गीकरण किया गया है।
कौए के पैर की आकृति दीवार की सतह पर उकेरने के लिए गोलाकार स्टाम्प ब्रश को ड्राईवॉल मिश्रण में डुबाया जाता है फिर एक के बाद एक स्टाम्प ब्रश के स्लैप को सतह पर मारते हुए टेक्सचर को बनाने का कार्य पूरा किया जाता है।
स्टॉर्म ब्रश विधि एक प्राचीन शैली है। इसमें एक बड़े ब्रश को ड्राईवॉल मिट्टी के कंटेनर में डुबाना होता है, फिर दीवार के बाहर की तरफ ड्राईवॉल मिट्टी को उकेरने के बाद तुरंत ही वापस दीवार की सतह पर लकीरें खिंचने के माध्यम से पर्वत की चोटीनुमा आकृति को बनाने का क्रम जारी रखते हुए कार्य को पूरा करते हैं।
रोज़बड/Rosebud पैटर्न स्लैप ब्रश टेक्सचर के अंतर्गत बनाए जाने वाला हीं एक डिज़ाइन है।ब्रश को ड्राईवॉल मिश्रण में डुबाने के माध्यम से गुलाब की कली जैसी आकृति को आकार दिया जाता है।
एक स्लैप ब्रश नॉकडाउन बनावट के लिए स्लैप ब्रश तकनीक का उपयोग करे हुए दीवार की सतह पर चपटा और चौरस आकृति देते हैं। इस टेक्सचर को बनाने के लिए एक रोलर, स्लैप ब्रश, नॉकडाउन नाइफ और ड्राईवॉल कंपाउंड की आवश्यकता होती है।
स्लैप ब्रश की सहायता से दीवार पर आकार बनाने के बाद 5-10 मिनट हल्का सूखने के लिए छोड़ने के बाद नॉकडाउन नाइफ की सहायता से डिज़ाइन के ऊपर नुकीले अतिरिक्त पर्त को नीचे गिरा कर पैटर्न को चपटा समतल आकार दिया जाता है।
नॉकडाउन टेक्सचर को को स्प्लैटर टेक्सचर के नाम से भी जाना जाता है।इस टेक्सचर का लूक आकर्षक होने के कारण ज़्यादातर बिल्डर्स फ़्लैट्स में दीवारों पर इसका प्रयोग करते हैं। इस टेक्सचर से सजी दीवार को बिना पैंट करें भी छोड़ा जा सकता है। यदि नॉकडाउन टेक्सचर में दरारें आ जाए, तो इस टेक्सचर के ऊपर ड्राईवॉल काम्पाउंड की मोटी पर्त चढ़ाने के बाद ट्रावेल टूल की सहायता से अनियमित पैटर्न में टेक्सचर बनाया जा सकता है।
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